हरेला के दिन मां या बड़ी दीदी लोग हरेला लगाते थे
लाग हरयाई, लाग दशें, लाग बग्वा
लाग उतरेंणी लाग पंचमी लागो सब त्योहार
स्यू क पराण हैजो, स्याव की बुद्धि है जो
एकै इकास है जो पांचै पचास है जो
दुब जब मौवे जाए, ब्यर जस फौवे जाए
जांठि टेकि बे माव हैं जाए, घुन टेकि बेर भ्यार जाए
झालों मालों है जाए।
Sunday, July 27, 2008
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